घर में कुत्ता पालने के हैं अनेकों लाभ, माना जाता है बेहद शुभ
आजकल लोग शौक और प्यार के चक्कर में घर पर कुत्तों को पालते हैं. लेकिन शायद ही कोई यह बात जानता है कि घर में कुत्ता पालना वास्तु (Vastu Tips) के अनुसार काफी फायदेमंद होता है. अगर आप घर में कुत्ता नहीं है और आप पालने का सोच रहे हैं तो आप हम आपको इससे जुड़े कुछ वास्तु टिप्स (Ghar Main Kutta Palne Ke Vastu Tips) के बारे में बताने जा रहे हैं. आइए जानते हैं क्यों शुभ माना जाता है घर में कुत्तों को पालना
हमने कुत्तों के बारे में बहुत तरह की बातें सुनी हैं पर क्या आप जानते हैं कि कुत्ता एक रहस्यमयी प्राणी है, कुत्ते का किसी भी घर में होना या तो उस घर को बर्बाद कर देता है या उस घर की तरक्की दिन दूनी और रात चौगुनी होने लगती है, भेड़िया प्रजाति वाले कुत्तों में सबसे श्रेष्ठ काला कुत्ता और काले और सफेद रंग के मिश्रित कुत्ते अच्छे माने जाते हैं, कुत्ता पालने के संबंध में धर्म कुछ नहीं कहता परन्तु ज्योतिष में हमें कुत्ता पालने और कुत्ते की सेवा करने का उल्लेख मिलता है।
लाल किताब के अनुसार केतु की शुभता के लिये कुत्ता पाला जाता है पर वह भी कुंडली का विश्लेषण करने के बाद, कुत्ता पालना खतरनाक भी होता है और फायदेमंद भी इसलिये कोशिश करनी चाहिये कि कुत्ता पालने से पहले किसी ज्योतिष या लाल किताब के विशेषज्ञ से सलाह ले लें, कुत्ता एक ऐसा प्राणी है जो हमें राजा से रंक और रंक से राजा बना सकता है।
इस्लाम धर्म के मुताबिक जिस धर्म में कुत्ता पाला जाता है उस घर में कभी फरिश्ते नहीं जाते- (सहीह मुस्लिम हदीस नं 2106)। हिन्दू धर्म में कुत्ते को यम का दूत कहा गया है, ऋग्वेद में एक स्थान पर जघन्य शब्द करने वाले श्वानों का उल्लेख मिलता है, जो विनाश के लिये आते हैं।
भैरव महाराज का सेवकः-
हिन्दू धर्म में कुत्ते को भैरव महाराज का सेवक माना गया है, कुत्ते को भोजन देने से भैरव महाराज प्रसन्न होते हैं और हर प्रकार के आकस्मिक संकटों से हमारी रक्षा करते हैं, माना गया है कि अगर हम कुत्ते को प्रसन्न रखते हैं तो वह हमारे आसपास यमदूत को भी नहीं फटकने देता, कुत्तों को देखकर हर प्रकार की आत्माएं दूर भागने लगती हैं।
कुत्ते की योग्यताः-
कुत्ता एक ऐसा प्राणी है जो हर प्रकार के खतरे को पहले ही भांप लेता है, प्राचीनकाल और मध्यकाल में लोग कुत्ता इसलिये अपने साथ रखते थे ताकि वह उन्हें जंगली जानवरों, लुटेरों और भूतादि से बचा सके, बंजारा जाति और आदिवासी जाति के लोग कुत्ते को पालते थे ताकि वे हर तरह के खतरे से पहले ही सतर्क हो सकें, भारत में जंगल में रहने वाले साधु संत भी कुत्ता इसीलिये पालते थे ताकि कुत्ता उनको खतरे के प्रति सतर्क कर दे, आजकल लोग अपने घरों में कुत्ता इसलिये भी पालते हैं ताकि वह उनके घर की चोरों से रक्षा कर सके।
शनि और केतु का उपायः-
धर्म ग्रंथों के अलावा कुत्तों को ज्योतिषशास्त्र में एक महत्वपूर्ण पशु के रूप में बताया गया है, कहते हैं जहाँ काला कुत्ता होता है वहाँ नकारात्मक ऊर्जा नहीं ठहरती है, इससे साबित होता है कि काले कुत्ते के ऊपर एक साथ दो शक्तिशाली ग्रह शनि और केतु का प्रभाव होता है, शनिदेव को प्रसन्न करने के उपायों में एक उपाय है घर में काला कुत्ता पालना, जो भी कुत्तों को खाना खिलाते हैं उनसे शनि अति प्रसन्न रहते हैं, कुत्ते को तेल से चुपड़ी रोटी खिलाने से शनि के साथ ही राहु केतु से संबंधित सभी दोषों का निवारण हो जाता है, राहु केतु के योग कालसर्प योग से पीड़ित व्यक्तियों को यह उपाय लाभ पहुँचाता है।
संतान सुख हेतुः-
लाल किताब में बताया गया है कि संतान सुख से वंचित दंपतियों को अपने घर में काला कुत्ता अथवा काला और सफेद कुत्ता पालना चाहिये, ऐसा करने से संतान सुख की प्राप्ति होती है, यह उपाय संतान के स्वास्थ्य के लिये भी शुभ कारगर होता है।
किस्मत बदलने वाला कुत्ताः-
कुत्ता या तो काला होना चाहिये या काला और सफेद पर ध्यान रखिये कि उसके नाखूनों की संख्या 22 या उससे अधिक होनी चाहिये, इतने नाखूनों वाला कुत्ता केतु का रूप माना जाता है, ऐसा कुत्ता आपका भाग्य बदल सकता है, शकुन शास्त्र में कुत्ते को शकुन रत्न माना जाता है क्योंकि कुत्ता इंसान से भी अधिक वफादार, भविष्य वक्ता और अपनी हरकतों से शुभ अशुभ का भी ज्ञात करवाता है, आपका रूका हुआ पैसा भी काले कुत्ते के पालने से वापिस आने लगता है, अचानक आने वाला संकट टल जाता है, आर्थिक तंगी दूर हो जाती है, पेट की बीमारियां, जोड़ों के दर्द और अन्य बीमारियों से भी छुटकारा मिल जाता है, काला कुत्ता प्रेत बाधा से मुक्ति पाने के लिये भी पाला जाता है, बिजनेस और कार्यक्षेत्र में सफलता और उन्नति के लिये काला कुत्ता मददगार साबित होता है।
कुत्ते से जुड़े शकुन- अपशकुनः-
कुत्ते के रोने और भौंकने को अपशकुन माना जाता है, कुत्ते के भौंकने के कई कारण होते हैं वैसे ही उसके रोने के भी कई कारण होते हैं, लेकिन ज्यादातर लोग कुत्ते के भौंकने या रोने का कारण नकारात्मक ही निकालते हैं, अपशकुन शास्त्र के अनुसार श्वान का गृह के चारों ओर घूमते हुए क्रंदन करना अपशकुन या अद्भुत घटना कहा गया है और इसे इन्द्र से संबंधित भय माना गया है, सूत्र-ग्रंथों में भी श्वान को अपवित्र माना गया है, इसके स्पर्श व दृष्टि से भोजन अपवित्र हो जाता है, इस धारणा का कारण भी श्वान का यम से संबंधित होना है, शुभ कार्य के समय यदि कुत्ता मार्ग रोकता है तो विषमता तथा अनिश्चय प्रकट होते हैं, कुत्ते को प्रतिदिन भोजन देने से दुश्मनों का भय मिट जाता है और व्यक्ति निडर हो जाता है, अंत में कुत्ते के बारे में एक बात और वह यह कि कुत्ता पालने से लक्ष्मी आती है और कुत्ता घर के रोगी सदस्य की बीमारी अपने ऊपर ले लेता है, अगर आपकी कोई संतान नहीं है तो काले कुत्ते को पालने से शीघ्र ही गुणवान संतान की प्राप्ति होगी, ज्योतिषी अनुसार केतु का प्रतीक है कुत्ता, कुत्ता पालने या कुत्ते की सेवा करने से केतु का अशुभ प्रभाव समाप्त हो जाता है, पितृ पक्ष में कुत्तों को मीठी रोटी खिलानी चाहिये।
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