मर्दाना ताकत कैसे बढ़ाये बिना किसी साइड इफेक्ट के
आजकल पुरुष मर्दाना ताकत बढ़ाने के लिए कुछ स्ट्रांग अंग्रेजी दवाओं का इस्तेमाल करने लग गए हैं। इनसे फायदा हो न हो, लेकिन अधिकतर गलत इस्तेमाल की वजह से नुकसान ज़रूर होता है। ऐसे में मर्दाना ताकत बढ़ाने के लिए जड़ी बूटियों का इस्तेमाल करना एक बेहतर विकलप है। जड़ी बूटियों से न ही कोई साइड इफेक्ट होता है, और इनका लाभ लम्बे समय के लिए भी रहता है। आइये जानते हैं ऐसी कुछ जड़ी बूटियों के बारे में।
यौन रोगों के कारण आप हेल्दी सेक्स लाइफ को एन्जॉय नहीं कर सकते. यौन रोग शारीरिक या मनोवैज्ञानिक समस्या ही है जिसके कारण आपको या आपके साथी को यौन संतुष्टि नहीं हो पाती. यौन रोग किसी भी उम्र के पुरुषों को प्रभावित कर सकता है, लेकिन बढ़ती उम्र के साथ यौन समस्याएं अधिक बढ़ने लगती हैं, लेकिन इनका सही समय पर उपचार यौन रोग से निजात दिलाने में मदद कर सकता है.
हर्बल वियाग्रा
1980 के दशक में इंफर्टिलिटी के लिए पहली औषधी के रूप से ‘हर्बल वियाग्रा’ काफी लोकप्रिय हुई. रुबियासी (Rubiaceae) फैमिली का पॉसिनिस्टलिया योहिम्बे (Pausinystalia yohimbe) पेड़ पश्चिम अफ्रीका का एक सदाबहार पेड़ है, जो एशिया में भी मौजूद है. यह मेडिकल जगत में सेक्सुअल फंक्शन को सुचारू रूप से चलाने के लिए एकमात्र सूचीबद्ध जड़ी बूटी है. योहिम्बे जड़ी बूटी का बहुत बड़े पैमाने पर 75 से भी अधिक सालों से इरेक्टाइल डिसफंक्शन (ईडी) का इलाज करने के लिए इस्तेमाल हो रहा है.
यूएस एफडीए ने योहिम्बे को 1980 के दशक के अंत में इंफर्टिलिटी के इलाज के लिए पहली पौधे से बनाई गई दवा को मंजूरी दी और फरवरी 1999 में यूरोप में एन्वायरन्मेंटल न्यूट्रिशन के संस्करण में ‘हर्बल वियाग्रा’ के रूप इसे पहचान मिली.
अश्वगंधा
अश्वगंधा बहुत लोकप्रिय जड़ी-बूटी है जिसे भारतीय जिनसेंग (Indian ginseng) और विथानिया सोम्निफेरा (Withania somnifera) के नाम से भी जाना जाता है. आयुर्वेद में अश्वगंधा का इस्तेमाल खासतौर पर यौन रोगों के इलाज के लिए किया जाता है. इस पौधे की जड़ों और बेरी का उपयोग टी, पाउडर, अर्क और कैप्सूल बनाने के लिए भी किया जाता है.
अश्वागंधा के सेवन से कई यौन रोगों को ठीक किया जा सकता है, जैसे –
- इंफर्टिलिटी
- टेस्टोस्टेरोन लेवल
- स्पर्म काउंट
- शुक्राणुओं की स्पीड
- सीमन एंटीऑक्सीडेंट लेवल
जिनसेंग
लाल जिनसेंग
यह एक ऐसी जड़ी-बूटी है जिसे पैनाक्स जिनसेंग(Panax ginseng) के नाम से भी जाना जाता है. कोरियाई हर्बल डॉक्टर्स जिनसेंन का इस्तेमाल इरेक्टाइल डिसफंक्शन के इलाज के लिए करते हैं. हालांकि रिसर्च में ये साबित नहीं हो पाया है कि ये काम किस तरह से करता है, लेकिन जिनसेंग अक्सर प्लेसबो की तुलना में प्रभावशाली रहा है. ऐसा माना जाता है कि रेड जिनसेंन इरेक्शन के लिए जिम्मेदार हार्मोन को प्रभावित करता है और नाइट्रिक ऑक्साइड की मात्रा बढ़ाकर रक्त प्रवाह को बढ़ाता है.
मलेशियाई जिनसेंग
इस जड़ी-बूटी को यूरीकोमा लॉन्गिफोलिया (Eurycoma longifolia) के नाम से भी जाना जाता है. यह एक देशी दक्षिण पूर्व एशियाई पौधा है जिसमें एंटी-मलेरियल एंटी-डायबिटिक, एंटी-माइक्रोबियल बुखार कम करने वाले और कामोत्तेजक गुण पाए जाते हैं. मलेशियाई जिनसेंग में टेस्टोस्टेरोन के स्तर को बढ़ाने और शुक्राणुओं के स्वास्थ्य में सुधार करने और मांसपेशियों की ताकत में सुधार करने की क्षमता होती है. इतना ही नहीं, यह मूड के उतार-चढ़ाव को भी प्रभावित कर सकती है.
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