इजरायल - एक ऐसा देश जहां कदम रखने से डरता है ISIS, चारों तरफ हैं दुश्मन देश पर सभी डरते हैं
इस्राइल दुनिया का एकमात्र यहूदी देश है जिसकी कुल आबादी है 85 लाख। यानी भारत के बेंगलूरु में जितने लोग रहते हैं उतने पूरे इस्राइल में. फिलिस्तीन से टूटकर ही इजरायल बना था। 19वीं सदी तक फिलिस्तीन में 87% मुस्लिम, 10% इसाई और 3% यहूदी लोग थे. 1900 में यहूदियों ने अलग राज्य की मांग छेड़ी थी।
इजराइल दुनिया के सबसे छोटे व नए राष्ट्रों में से एक है जो चारों तरफ से दुश्मन देशों से गिरा हुआ है और दुश्मन देश भी ऐसे हैं जो Israel को किसी भी तरीके से खत्म कर देना चाहते हैं लेकिन फिर भी इजराइल से उसके शत्रु देश घबराते है| इसराइल (Israel) को शत्रु देश भी कहते हैं की इजराइल सदा अपने दुश्मनों के घर में घुस कर उन्हें मारने की फ़िराक में रहता है। यह सब संभव हुआ इजराइल (Israel) के स्वाभिमानी एवं देशभक्त लोगों की वजह से आइए जानते हैं इजराइल के रोचक तथ्य
Israel राष्ट्र: 14 मई सन् 1948 को अस्तित्व में आया
इजरायल की राजधानी: जेरुशलम(Jerusalem)
इजरायल का धर्म: यहूदी धर्म
Israel का पवित्र ग्रंथ: तनख़ बाईबल
राजभाषा: हिब्रू, अरबी
मुद्रा: इजरायली नई शेकेल
-इज़राइल राष्ट्र दक्षिण, पश्चिम एशिया में स्थित एक देश है। यह दक्षिणपूर्व भूमध्य सागर के पूर्वी छोर पर स्थित है। इसके उत्तर में लेबनॉन, पूर्व में सीरिया और जॉर्डन तथा दक्षिण-पश्चिम में मिस्र है।
-इज़राइल संसार के यहूदी धर्मावलंबियों के प्राचीन राष्ट्र का नया रूप है। इज़रायल का नया राष्ट्र 14 मई सन् 1948 को अस्तित्व में आया। इज़रायल राष्ट्र, प्राचीन फ़िलिस्तीन अथवा पैलेस्टाइन का ही बृहत् भाग है।
इजरायली झंडे का नीला और सफेद रंग यहूदियों द्वारा प्रार्थना के दौरान इस्तेमाल किए जाने वाले शॉल ‘तल्लीत’ के रंग से लिया गया है. झंडे के केंद्र में दिखने वाला सितारा सैकड़ों साल से यहूदियों का प्रतीक चिन्ह रहा है|
– इजरायल की यह नीति है कि पूरी दुनिया में अगर कहीं भी कोई भी यहूदी रहता है तो वह इजरायल का नागरिक माना जाएगा।
-इजरायली राष्ट्रीय भाषा की तो हम बता दें कि इसराइल की राष्ट्र भाषा हिब्रू है|
-मध्यकाल में हिब्रू भाषा का अंत हो गया था लेकिन इजरायल की स्थापना के बाद राष्ट्र भक्त यहूदीयो ने अपनी भाषा हिब्रू को इजराइल अधिकारिक भाषा बनाया और इस प्रकार हिब्रू का पुनःजन्म हुआ। इजराइल की दो अधिकारिक भाषा है, हिब्रू और अरबी।
-Israel की कुल जनसंख्या 90 लाख के बराबर है यानी हमारे दिल्ली शहर की जनसंख्या से भी कम।
-तथा चार इजराइल मिलकर भी उत्तर प्रदेश की जनसंख्या के बराबर नहीं कर सकते, परंतु इजराइल की छाप फिर भी आपको दुनिया के हर हिस्से में तथा हर विषय में मिलती है।
-इजराइल दुनिया का एकमात्र ऐसा देश है जहां के प्रत्येक नागरिक को मिलिट्री ट्रेनिंग अनिवार्य है तथा इजराइल का प्रत्येक नागरिक कुछ समय के लिए सेना में काम करना अनिवार्य है, चाहे वह उस देश के प्रधानमंत्री का बेटा क्यों ना हो।
-इसी प्रकार से इजराइल में महिलाओं को भी मिलिट्री ट्रेनिंग लेना अनिवार्य है| वास्तविक रूप में महिला शक्ति अहमियत इसराइल में मानी जाती है।
-खोखले वोट बैंक के कारण भारत के किसी भी प्रधानमंत्री ने अभी तक इजरायल (Israel) की कोई यात्रा नहीं की है तथा नरेंद्र मोदी जी भारत के पहले ऐसे प्रधानमंत्री हैं जिन्होंने सारे वोट बैंक के मिथक तोड़ते हुए इजराइल की यात्रा की |
-Israel की वायुसेना की बात करें तो इजरायली वायु सेना दुनिया की चौथी सबसे बड़ी वायुसेना है। यह वायुसेना इतनी शक्तिशाली है अमेरिका तथा रूस जैसे देश भी इनसे डरते हैं। वायुसेना क्षमता के मामले में सिर्फ अमेरिका, रूस तथा चीन इजराइल से आगे हैं।
– इजराइल अपनी बहुत ही कम जनसंख्या व क्षेत्रफल के बावजूद दुनिया के उन दोनो देशों में शामिल है जिनके पास खुद का सेटेलाइट सिस्टम है। इजराइल की सेटेलाइट सिस्टम से जुड़ा एक तथ्य यह भी है कि इजराइल अपने सैटेलाइट किसी भी देश के साथ नहीं बाँटता |
-दुनिया के किसी भी देश की तुलना में इजरायल की एक गाय अधिक मात्रा में दूध देती है. हालांकि, इस मसले पर इजरायल को दक्षिण कोरिया बराबरी का टक्कर देता है|
-अपने इन सैटेलाइट की बदौलत ही इज़राइल ड्रोन चलाने की भी क्षमता रखता है।
इजराइल दुनिया का एकमात्र ऐसा देश है जो पूर्ण रुप से एंटी बेलिस्टिक मिसाइल डिफेंस सिस्टम से पूर्ण है|
-#इजराइल की पूरी सीमाओं तथा प्रत्येक हिस्से में एंटी बेलिस्टिक मिसाइल लगी हुई है। इसी कारण चारों तरफ अपने शत्रु देशो से घिरे होने के बावजूद भी इजरायल आज तक सुरक्षित है।
-इजराइल के ऊपर प्रतिदिन अरब देशो के पाले हुए अनेक आतंकवादी संगठन रोकेट से हमला करते हैं, लेकिन सारे रॉकेट इनके डिफेंस सिस्टम के कारण रास्ते में ही नष्ट हो जाते हैं।
-अगर हम पर्यावरण की बात करें तो इजराइल (Israel) दुनिया का पहला और एकमात्र ऐसा देश है, जिस देश में पिछली सदी की तुलना में इस सदी अधिक वृक्ष है अर्थात इजराइल शक्ति में तो आगे है ही लेकिन इसके अलावा वह पर्यावरण के मामले में भी बहुत ज्यादा सजग हैं।
-Israel नोटों में ब्रेल लिपि का इस्तेमाल किया जाता है, इसलिए इसके नोट को दृष्टिहीन लोग भी पहचान सकते हैं।
– इजराइल के जन्म से ही अनेक मुस्लिम राष्ट्र इसके शत्रु रहे हैं जिसके कारण यह अभी तक सात बड़ी लड़ाइयां लड़ चुका है तथा एक बार तो इसके ऊपर 7 देशो ने भी हमला कर दिया था, लेकिन उस लड़ाई में भी इजराइल ने ही जीत हासिल की।
-Israel पूरी दुनिया में सबसे ज्यादा GDP के अनुपात में रक्षा क्षेत्र पर ही खर्च करता है।
– इसराइल के सभी विद्यार्थी अथवा युवकों को चाहे वह लड़का हो अथवा लड़की हो, अनिवार्य रूप से सेना में जॉइनिंग करनी ही पड़ती है तथा सेना में अपनी सर्विस दौरान लड़कों की अवधि तीन साल के लिए होती है तथा लड़कियों के लिए दो साल होती है।
-सबसे पहला फोन मोटोरोला कंपनी ने इजराइल में ही बनाया था।
-सबसे पहली पेंटियम चिप माइक्रोसॉफ्ट के लिए Israel में ही बनाई गई थी तथा पहली वॉइस मेल भी इजराईल में ही विकसित की गई थी।
-इजरायल की एक सीधी सिंपल सी पॉलिसी है कि अगर किसी भी राष्ट्र या किसी भी संगठन ने हमारे देश के एक भी नागरिक को मारा तो हम उसे दुनिया के किसी भी हिस्से में ढूंढ कर उसे मार देंगे और हमारे एक नागरिक के बदले उसके 50 नागरिक मारे जाएंगे।
-इजराइल के बारे में एक विचित्र तथ्य यह भी है कि इजराईल ने आज तक अपने किसी भी दुश्मन को जीवित नहीं छोड़ा। इजराइल के ऊपर हमला करने वाले सभी दुश्मनो की मृत्यु निश्चित है।
-भारत का नंबर एक दुश्मन पाकिस्तान भी इसराइल से कितनी घृणा करता है, इसका अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि हर पाकिस्तानी पासपोर्ट पर साफ शब्दों में लिखा होता है कि यह पासपोर्ट इजराइल को छोड़कर किस किसी भी राष्ट्र में मान्य है।
-इजराइल का सबसे विचित्र तथ्य यह है कि आप अपनी नाक रविवार के दिन साफ नहीं कर सकते। अब ऐसा क्यों है यह तो इसराइल से ही पता करना पड़ेगा।
-इजराइल के एक अलग राष्ट्र बनने के बाद 1952 में अमेरिका ने अल्बर्ट आइंस्टाइन को इजराइल का प्रधानमंत्री बनाने का प्रस्ताव पेश किया, लेकिन हम इस अल्बर्ट आइंस्टीन ने यह प्रस्ताव ठुकरा दिया।
-दुनिया का सबसे पहला एंटीवायरस भी इजराइल में ही बना। सबसे पहला एंटीवायरस इसराइल में 1979 में बनाया गया था।
-इजराइल में सूअर पालना पूरी तरह से प्रतिबंधित है। ऐसा करने पर आपको जेल भी हो सकती है।
-इजराइल दुनिया मैं सबसे ज्यादा हीरो की कटिंग और पोलिशिंग का केंद्र भी है। यहाँ पुरी दुनिया में सबसे ज्यादा हीरो की होल-सेल होती है।
-दुनिया की सबसे छोटी बाइबल भी इज़राइल में बनी है जो केवल 4.16 मिलीमीटर लंबी चौड़ी है।
-इजराइल अपनी जनसंख्या की जरूरत के हिसाब से 95% खाद्यान्न खुद उपजाता जाता है। कृषि उत्पादों के मामले में इजराइल लगभग पूरी तरह से ही आत्मनिर्भर है।
-इजराइल के लोगों की मेहनत और बुद्धि का एक नमूना आप देखिए कि पिछले 25 सालों में इसराइल के कृषि उत्पादन में 7 गुणा बढ़ोत्तरी हुई है लेकिन पानी पहले जितना प्रयोग किया जा रहा है।
-व्यवसायिक दृष्टि से भी इसराइल दुनिया में तीसरे स्थान पर है। इजराईल में करीब 3500 से भी ज्यादा टेक्नोलॉजी कंपनी है जो पूरी दुनिया में सिलिकॉन वैली के बाद दूसरे नंबर पर आती है।
-इजराइल में लगभग 90% जनसंख्या सौर ऊर्जा का प्रयोग करती है, जो पूरी दुनिया में सबसे ज्यादा है।
-इजराइल मिडिल-ईस्ट में बसा हुआ एक छोटा देश है, लेकिन इजरायल की मीडिया को पूरे अरब देशों की मीडिया के मुकाबले सबसे ज्यादा आजादी हासिल है।
-आपको जानकर हैरानी होगी कि इजराइल में केवल 40 ही किताबों की दुकानें हैं क्यूंकि इजराइल में हर किसी व्यक्ति को सरकार ही किताब मुहैया कराती है।
-इजराइल, पूरे अरब जगत का एकमात्र ऐसा देश है जहां महिला तथा पुरुषों को बराबरी के अधिकार प्राप्त है।
-इजराइल के पास केवल 273 किलोमीटर लंबा समुद्री तट है लेकिन उसमें भी इज़राइल ने 137 ऑफिशियल बीच बना रखे है।
-जनसंख्या के हिसाब से सबसे ज्यादा विश्वविद्यालय इजराइल में ही स्थित है।
-इजरायल का मृत सागर पृथ्वी का निम्नतम बिंदु है, जो कि समुद्र तल से 1,315 फीट नीचे है|
-इजरायलियों ने आधुनिक दुनिया के सैकड़ों महत्वपूर्ण तकनीकि आधारित खोज का निर्माण और विकास किया है. इसमें एओएल इंस्टैंट मैसेंजर टेक्नॉलजी, विंडो एनटी व एक्सपी, वॉइसमेल सिस्टम, पेन्टियम-4, सेंटेरिनो प्रोसेसर, सेल फोन आदि शामिल हैं|
-दुनिया के किसी भी देश की तुलना में इजरायल के पास प्रति व्यक्ति म्यूजियम की संख्या सबसे अधिक है।
-इजरायल के 10 में से 9 घर सोलर एनर्जी का इस्तेमाल करते हैं। सबसे ज्यादा सोलर एनर्जी का इस्तेमाल पानी गर्म करने में होता है।
इजराइल की आक्रामकता एवं देशभक्ति का एक छोटा उदहारण:
1972 में जर्मनी के म्यूनीख ओलंपिक गेम्स में फिलिस्तीन के मुस्लिम आतंकवादियों ने 12 इजरायली खिलाड़ियों को मार डाला था, तब तात्कालीन इसराइली प्रधानमंत्री ‘गोल्डा मेयर’ ने न तो इस घटना की निंदा करी और ना ही उन्होंने हमारे देश के घटिया नेताओ की तरह कोई शांति का वक्तव्य दिया बल्कि उन्होंने सारे मृत खिलाड़ियों के घरवालों को फोन करके कहा कि हम इसका बदला लेंगे तथा इसके बाद उन्होंने अपनी खुफिया एजेंसी मोसाद को केवल इतना ही कहा कि दुनिया के किसी भी राष्ट्र किसी भी हिस्से में कोई भी आतंकवादी हो जो इस घटना में शामिल है उन्हें किसी भी तरह मार दो और उन्होंने ऐसा ही किया भी।
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